जरूरत क्या है?

ब्यर्थ पत्थर फेंकने की , भी जरूरत क्या है?

संदेह पर इल्जाम मढ़ने, की जरूरत क्या है??

प्रमाण जबतक न मिले, किसी बात की सच्चाई की।

बनाना बतंगर बात का , भी जरूरत क्या है ??

काम तो भरे पड़े हैं , उन्हें कुशल कर्ता चाहिए ।

अपने आप को बेरोजगार कहने,की जरूरत क्या है??

रोजगार हैं कितने पड़े , अपने शहर या गांव में ।

इसे छोड़ कर अन्यत्र जाने , की जरूरत क्या है??

चीज घर की ही भली , होती परायी चीज से ।

मिले गर घरकी सूखी रोटियां,पराठे की जरूरत क्याहै?

अपनी चीजतोअच्छी ही होती,मिठास मिट्टी की अलग।

जो स्वाद देती चीज अपनी,छप्पन भोगभी देता हैक्या?

हम संतुष्ट अपने आप में है,यह देन है धरती की मेरी।

कहते हैं लंका स्वर्ण का था,हमको गिला है क्या ??

गिला हमें है ही नहीं, शिकवा नही करते किसी का।

जो पास मेरे है, बहुत है, करना अधिक उससे है क्या?

करतें गलत हम हैं नहीं, करना नहीं हम चाहते ।

पर कोई गलत हम से करे, उसे है माफ करना क्या??

जैसा जो करे वैसा करो,यह धर्म गीता ग्रंथ का।

दुष्ट को देनी सजा ही ,धर्म नहीं है क्या ??

अत्याचार सह कर मौन रहना,अधर्म यह होता बड़ा।

चुपचाप बनकर मूकदर्शक, धर्म होता क्या ??

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