अब सोचने का वक्त नहीं,सोंचना अब छोड़िए।
बीत गये हैं वक्त कब के, नसे निपटना सीखिये।।
बचाव के कुछ टिप्स हैं , पालन लगन से कीजिये।
भूल से उस काम को ,ढीला कभी मत सोंचिये ।।
झेलना कुछ कष्ट पड़े भी, खुशियों के साथ झेलिये।
रक्षार्थ है वह आपका , उसे झेलना मत बोलिये ।।
यह कवच है आप का, लगाई गयी पावंदियां ।
पावंदियों को मानिये , औरों को भी मनवाइये।।
विश्वभर के मानवों का , शत्रु खड़ा है सामने ।
पावंदियां ही ढाल तेरा ,इसे प्यार से अपनाइए।।
अज्ञातवास तो है पुराना , हमलोग सुनते आ रहे।
पर हमारा चन्द दिनों का,निष्ठा से इसको निभाइये।।