कभी ऐसा न गुजरा था .

समय जो आज गुजरा जारहा,कभी ऐसा न गुजरा था।

सारा बिश्व ही स्तब्ध , कभी क्या यह नजारा था ??

सबों में मौत का भय है, सबों की जिंदगी प्यारी ।

छिपे सब लोग हैं घर में,गजब ये दास्तां न्यारी ।।

नहीं ऐसा कभी जग में, हुआ था वाकयां पहले ।

नहीं फिर से दोबारा हो , यह लो कसम पहले ।।

मन अशांत है कितना , बाहर से शांन्ति दिखती ।

भयाकुल लोग हैं सारे , प्रकृति सो रही लगती ।।

लगता मौत का तांडव, हर ओर छाया है ।

हो भूमिगत, भयभीत मानव, खुद को छिपाया है।।

मानव का शत्रु तो पापी , कहीं पर सो रहा होगा ।

स्वजन उनके कही छिप कर ,बैठा रो रहा होगा ।।

कीड़े पतंगे खा के , बुद्धि भ्रष्ट कर डाला ।

स्वजनों का शत्रु तुम बता, यह क्या है कर डाला?

चेतना शून्य हो गये , या बची कुछ चेतना तुममें।

बची कुछ है अगर तो सोंचना, यह क्या हुआ तुमसे।।

सोंचोगे अगर निष्काम , दोषी खुद को पाओगे ।

तेरी आत्मा कोसेगी तुमको, कहीं का रह न पाओगे।।

प्रायश्चित करने योग्य भी, तुम रह न पाओगे ।

अपना मुंह दिखाने योग्य , खुद को रख न पाओगे।।

कूकृत्य इससे और ज्यादा ,हो ही नहीं सकता ।

तुम इतने गिरे हो , सर तुम्हारा उठ नहीं सकता ।।

बात को मन ही जन्म देता है.

दो दांत होते हाथी का,एक दिखाने का एक खानेका।

रूपभी आदमीका दोहोता,एक शराफत काएकशैतानी का।

इन्ही दो प्रवृतियों के बीच,मानव जिंदगी चलती ।

जब जिसकी मात्रा बढ़ती, वैसी ही प्रवृति होती।।

अच्छी बुरी बातों को मन ही, जन्म देता है ।

यही तो काम है मन का, अपना काम करता है।।

मस्तिष्क सोंचता इस पर, सोंच कर फैसला देता ।

नियंत्रण तो इन्हीं का है, जो चाहता होता ।।

गुण तीनों भरे रहते सदा, हर मानव मस्तिष्क में।

प्रभावित पर वही करता ,हो जो सर्वोच्च मस्तिष्क में।।

आचार और बिचार तो ,मन में उपजता है ।

सतोगुण का अगर प्रभाव हो,तो उत्तम भाव होता है।।

बहुत कम लोग दुनिया में,जो दिल की बात कहते हैं ।

जो बातें बोलते मुख से , वही मन में भी रखते हैं ।।

जो मिथ्या बात करते हैं, जगत में कद्र पाते हैं ।

जनता पूजती उनको , सभी जयकार करते हैं।।

जिनका सत्य कथन होता ,जो करना चाहते कहते ।

उनकी बात को सुन लोग,मुंह मोड़ चल देते ।।

संख्या कम बहुत उनकी, पर वे ठोस होते हैं ।

जो बातें बोल दी उसनेे, पाषाण की लकीर होते हैं।।

अपनी बात पर रहते, मुकरना जानते नहीं ।

चाहे काल हो आगे , मुकर कर भागते नहीं ।।

बात फिर भी निकलती है, भले कुछ वक्त लग जाता।

समझ जब लोग जाते हैं,महा तुफान बन जाता ।।