जीवन की राह

जीवन की राह में, कांटे भरे तमाम हैं।
कुछ चुभते से, कुछ नरम हैं, पार पाना नहीं आसान है।।

मन बड़ा उदास है, कुछ खो जाने का अहसास है।
फिर पाऊं कैसे, न आये समझ, जाने पर कौन सी आस है।।

विश्वास किंचित है कहीं, सब ठीक सा हो जाएगा।
जिंदगी की उलझने, सब स्वयं सुलझ जाएगा।।

मानो कि जैसे आप हैं, पास ही इधर खड़े।
हैं कह रहे मुझसे, कि अपना काम कर, बिन चिंता किये।।

धैर्य है तब बँधता, फिर जोश सा जाता है भर।
मुश्किलों से जूझ, जीतने को, मन में जाता उत्साह भर।।

फिर मुश्किल न कुछ लगता कहीं, आसान हो जाता है सब।
आपके सानिद्ध्य का अहसास, बस आता है जब।।