अद्भुत, प्यारा मेघालय

सच्चिदानन्द सिन्हा

आयें थोडा़ हम अपना, एक राज्य भ्रमण कर आयें।

भारत का छोटा राज्य एक, दर्शन इसका करवायें ।।

असम राज्य का टुकड़ा एक, मेघालय राज्य बना है।

पर्वत खासी, गारो, जैंतिया, हरियाली बड़ा घना है।।

आच्छादित मेघों से रहता , मेघालय कहलाया ।

गुण के ही अनुरूप राज्य का , सुन्दर नाम धराया।।

सुन्दरता की बात न पूछें, स्वर्ग इसे कह सकते ।

लिये गोद में इसे हिमालय, मन देख इसे ना थकते।।

नयनाभिराम हर ओर दृश्य , मनमोहक है, प्यारा ।

ऊँची- नीची घाटियाँ, लगते कितने न्यारा ।।

राजधानी शिलाँग बनी , है शहर लघु, पर सुन्दर ।

स्वच्छता हर ओर यहाँ, गन्दगी न दिखे कहीं पर।।

हर मौसम में बदरी आ , करते रहते अठखेली ।

खेल रहे हों लुकाछिपी, मानों बच्चों की टोली।।

सड़कें लगती, सागर मेंं , उठती हो जैसे भाटा ।

गाड़ी आती दिखती जैसे, कश्ती कोई तैरता आता।।

छोटे -छोटे घर के उपर …

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