जो सादी जिंदगी जीते.

जो कोई सादगी से जिंदगी, अपनी वसर करते।

दिखावा में कभी अपना , नहीं विश्वास वे करते।।

न लोभी ,मत्सरी होते , किसी का अहित न करते।

लक्ष्मी,सरस्वती दोनों की, कृपा-पात्र वे रहते ।।

शक्ति की कमी उनको नहीं, पर मद नहीं रखते।

न्याय-प्रियता तो कूटकर, उनमें भरे रहते ।।

सदाही प्यार करते हर किसीको,उचित सम्मान भीदेते।

घृणा का लेश भी उनके, दिल में नहीं रहते ।।

ऐसे लोग दुनियाॅं में , सबों का प्यार भी पाते ।

भरोसा लोग का इनपर , उनको लोगपर होते।।

ऐसे लोग खिलकर ताल से,ऊपर निकल आते।

कमल का फूल सा प्यारा,सबोंंके मनको वे भाते।।

उनको ताल का कीचड़, बिगाड़ा कुछ नहीं करते।

यही कीचड़ उन्हें पावन, राजीव-दल बना देते ।।

सारे लोग दुनियां में ,करने धर्म ही आते ।

कुछ पथ भटक कूकर्म में, खुद को लगा देते।।

कूकर्म मानव जीवको , बदनाम करके छोड़ देते।

सिर्फ खुद को ही नहीं,समेट और कोभी संग लेते।।

प्रभाव भी तो गंदगी का,जल्द पड़ जाते।

अच्छे भलों की बुद्धि उनसे, नष्ट हो जाते।।

महान जितने लोग होते,सादगी-प्रतीक होते।

काम खुद करके दिखाते,ब्यर्थ की डींगें न भरते।।

बातें कभी बाचाल सा ,वे नही करते ।

सबको दिखाते सुपथ,जिसपर स्वयंभी चलते।।