अपना संबिधान.

ऐ निर्माताओं संविधान के,हमसब आदर करते तुमको।

रचा आपने संविधान, सम्मान सभी करते तुमको ।।

आभारी हमसब तेरा,नमन तुम्हें हमसब करते हैं।

श्रद्धा का सुमन बड़े प्रेम से,अर्पित तुमको करते हैं।।

बड़े लगन और बड़े प्रेमसे, तुमने है निर्माण किया।

वतन के हर तबकों पर, तुमने कितना ध्यान दिया।।

किया ख्याल सारे लोगों का, विकास करेगे सब कैसे।

किसे मदद करनी है ज्यादा, लोग बढ़ेगें सब कैसे ।।

छोटी बड़ी समस्याओं पर, तुमने कितना ध्यान दिया।

चतुराई से उन सब को , कैसे आप निदान किया ।।

भीमराव अम्बेडकर जी,याद सदा आते हैं ।

सभी सदस्यों ,सहयोगी का, धन्यवाद करते हैं।।

अथक परिश्रम आप सबोंने, करके है निर्माण किया।

बहुमूल्य समय अपनादेकर,नियत समयपर पूर्णकिया।

जबतक सूरज चाॅंद रहेगा,भारत में तेरा नाम रहेगा।

संविधान की बात चले तो, निर्माताओं तेरा नाम रहेगा।

गणतंत्र दिवस को राष्ट्र-ध्वज , जैसे ही हम फहराते।

मन-मस्तिष्क में संविधान का,ध्यान स्वयं आ जाते।।

बिना अपना कोई संविधान के,देश नहीं चल सकता है।

मेरुदंड ही नहीं जिसे , क्या खड़ा स्वयं हो सकता है ??

ऐ निर्माता ,ऐ मेरे पूर्वज ,तेरे पथ पर चलता जाऊॅंगा।

कदम नहीं डिग पाये पथसे,कसम आज मैं खाऊॅंगा ।।