असमय पटेलजी गये न होते,पाक समस्या खड़ेन होते।
पाक बनाकर भूल हुई,कश्मीर समस्या बनें न होते।।
नहीं होती यह रोज लड़ाई,आज न लड़ते भाई-भाई।
सुख शान्ति से जीते दोनों,दोनों की होती सदा भलाई।।
रियासतगर नहीं पिरोयेहोते,आज हुआक्या होता हाल।
तहस नहस हो जाता भारत,आज हाल होता बेहाल।।
धन्य पटेलजी,ओ मेरे पूर्वज,कैसा तुमने किया कमाल।
तेरी कीर्ती अमर रहेगी, भारत -माता के बीर लाल।।
तेरे कदमों पर चले देश,कल्याण इसी सै होगा ।
सदेह रहे तो नहीं मगर,तेरा मार्ग अमर सब होगा।।
तुमतो चले गये तेरी,सन्तांन यहां नहीं कम है ।
तुम सा ही है जोश-लगन,सब में तुम सा ही दम है।।
तुम देवलोक पर राजकरो, कुछ ध्यान यहां पर देना।
तेरे बीर लाल सब खड़े यहाॅ,निर्देश वहां से देना ।।
पूर्ण नहीं तो और बहुत कुछ,सीख लिया तुमसे ।
कठिन घड़ी में सीख हमें ,मिलता तेरे राहों से ।।
सरदार बनें कर्मों को कर,करतब वैसा दिखलाया।
बड़े प्यार से लोग तुम्हें, सरदार खिताब पन्हाया ।।
श्रद्धा सुमन हम लिये साथ,तुम्हें आज पन्हानेआया हूॅ।
तेरे राहों पर चलूॅ सदा ,यह शपथ साथ ले आया हूॅ ।।
जब -तक सूरज ,चाॅद रहेगा ,अमर तुम्हारा नाम रहेगा।
पुनर्निर्माण किया भारत को,तुम भारतका लालरहेगा।।