खुदा ये सच है अगर, दुनियाॅ तुम्हीं बनाये हो ।
उनके हर एक कण में, रहते तुम्ही समाये हो ।।
फिर भी रहे क्यों गम हमे,दुनिया में दुनिया वालों।ं
रहते जब हर पलों में , बनकर हमारे साये हो ।।
क्या जरूरत ही हमें , अपना सर खपाने की ।
रहे जो साथ ही जब , हरदम हमारा पालक हो।।
करता क्यूॅ हूॅ भला , गम की हमें जरूरत ही क्या?
फिर भी नादान दिल को, बेवजह जलाते हो ??
तेरी मर्जी के बिना , कुछ भी तो नहीं होता जगमें ।
जो भी होता है यहाॅ , सब कुछ तुम्हीं कराते हो ।।
हम तो नाचते पर , केवल तेरे इशारों पर ।
सूत्र तो हाथों तेरे , जो चाहते करात हो ।।
करूॅ मैं फिक्र क्यूॅ , कतयी नहीं जरूरत हो।
छत्र की छाॅवों में , सब को तुम्हीं बिठाये हो ।।