हासिल ज्ञान वे करते, विषय में डूब ओ जाते ।
बिना डूबे हुए कोई, महारत हो नहीं पाते ।।
लगन में जो लगे रहते, हासिल कर ही वे लेते।
विलक्षण सब हुआ करते, बढ़ते ,ध्यान जो देते।।
केन्द्रित ध्यान को करना, महज यह काम है होता।
कला यह सीख ली जिसने, उसे ही ज्ञान भी होता।।
केन्द्रित जो न कर पाते ,लक्ष्य को बेध न पाते ।
जो लक्ष्य से हीन हो जाते , जीवन ब्यर्थ कर लेते।।
लक्ष्य पर जो अडिग होते ,वही कुछ कर दिखा देते।
मानव जीव सारे ही , उंनपर गर्व किया करते ।।
बहुत कुछ त्यागना पड़ता ,तभी कोई ज्ञान भी पाता।
ज्ञानी ज्ञान से अपने सबों को , लाभान्वित करते ।।
उनके ज्ञान का प्रकाश , फैला हर जगह करता।
अंधेरा दूर करता है ,रौशन सब को ही करता ।।
गर आॕख ही निज बन्द कर लें,कोईकरभी क्यासकता?
ऐसे लोग को दिन-रात में, फर्क क्या पड़ता??
जो कोई ज्ञान देता है, सबको ही दिया करता ।
दाता बाॅटने में भेद तो , बिलकुल नहीं करता।।
पर जो ध्यान देते हैं, मोती चून है लेते ।
भटकते जो रहा करते, खाली हाथ रह जाते।।
समय जो चूक जाते हैं , फिर अफसोस ही करते ।
प्रायश्चित बाद में करते , मलते हाथ रह जाते ।।