दिलन टूटे किसी का,कभी आपसे,प्रयास हरदम यही कीजिए।
बातें किसी को बुरी न लगे,सदा ध्यान उसपर दिया कीजिए।।
काम मौला का है,वेही करते हैं सब,उनपर भरोसा कर
कर लीजिए।
उनका आदेश भी ,आपके हित में हो,समाॅ आप वैसा बना बना लीजिए।।
कष्ट होने न पाये किसीको आपसे,दिल मेंये बातें बसा
बसा लीजिए।
हक किसी का न कोई छीने कभी,अमल इसपर किया कीजिए।।
हक हो चाहे किसी का,भले आपका ही,खोने न पाये नजर दीजिए।
हक तो रब ने दिया ,देकर भेजा तुझे,हक जो है आपका,ग्रहण कीजिये।।
हक जो है आपका,हक न छोड़ें कभी ।
हक से ज्यादा कभी भी नहीं लीजिए ।।
हक को हासिल मी करना, धरम आप का ।
धरम को करम ही , समझ लीजिए ।।
युक्तिसंगत हो बातें , नीति सै भी भरी हो ।
वही काम हरदम, किया कीजिए ।।
काम करने में बाधक , अगर सामने हो ।
निपटने को तत्पर , रहा कीैजिए ।।
पथ हो सच्चाई का , तो डरें ना कभी भी।
तय है मिलना विजय ही , समझ लीजिए।।
देर भी हो अगर , फिर भी धीरज न खोयें।
दुरूस्त होना है निश्चित , धयाॅ दीजिए ।।
हक न लें गैर का , हक न छोड़ें कभी ।
यह है पावन नियम , मत इसे त्यागिये ।।