किनको गले लगा लूॅ ,किससे करूॅ किनारा ।
कब कौन घात कर दे ,दे कौन कब सहारा ।।
बातें न साफ दिखती , मुश्किल नजर है आती।
नीतय का क्या भरोसा, पल-पल जो रंग बदलती।।
है बेवफा ये दुनियाॅ , भरी बेवफायी बातें ।
हैं लोग कम बहुत ही ,जो दिल से करते बातें।।
कूचक्र रहता दिल में, मीठी है करते बातें ।
बातों से मित्र दिखते , भीतर में खुराफातें ।।
मुश्किल उन्हें समझना ,दिल में गरल है रहते ।
बोतल तो एक रहता ,जिसे सब सुधा समझते।।
भ्रम एक ही न होते , भ्रमित है सारी दुनियाॅ ।
भ्रम है कहाॅ न होते , भ्रम से भरी है दुनियाॅ ।।
भ्रम से रहित जो होते , ऊपर मनुज से होते ।
उनको यथार्थ दिखता , सब भेद खुलते जाते।।
आते नजर न हरदम ,ओझल सबोंसे रहते ।
होते करीब हरदम, सबपर नजर हैं रखते ।।
दिल से अगर पुकारें, कुछ ही पलों में आते।
बिगड़ी को आ बनाते , नजरों में खुद न आते ।।
दिल हो भरा छलों से , छिपाये भी छिप न पाते ।
प्रयास लाख कर लें , उजागर कभी तो होते ।।
बच उन सबों से रहना ,अपना विवेक से तुम ।
उन सारे मुश्किलों पर , पा जाओगे विजय तुम।।
अपना विवेक से ही , अब सोंचना तुम्हें है ।
परेशानियों जो आये , अब जूझना तुम्हे है।।