लगा था दिल कभी मुझसे , भुला उसको नहीं देना।
मिले फुर्सत कभी थोड़ी कहीं,बस याद कर लेना ।।
चले हम साथ थे दोनों ,अब मुॅह फेर न लेना ।
सजा कर दिल के कोने में कहीं,पर रख मुझे देना।।
माना हम किनारा हैं ,नदी के दो तरफ दोनों ।
मिल सकते नहीं दोनों ,तो ख्यालों में बसा लेना।।
खुदा का शाप है अपना , नहीं मिल पायेगें दोनों ।
मिल गये गर कभी स्तित्व का, तय है मिट जाना।।
प्रेम का अंत कर देता मिलन, बढ़ने,आगे नही देता।।
विरह में धधक है उठता , मुश्किल रोक है पाना ।।
सुखद यादें जो कुछ होती ,वही आधार जीवन का ।
संबल बन यही जाता , जीवन पार हो जाता ।।
तिनके का सहारा भी , डूबतों को बचा लेता ।
यही तिनका सहारा बन , जीवन पार करवाता ।।