क्यों मायूस बैठे हो?

न जाने कौन सी पीड़ा, बसाये दिल में बैठे हो ?

उड़ा रंगत क्यों मुखरे का, हुए मायूस बैठे हो ??

दिल की हो गयी चोरी, कहीं क्या खो के आये हो?

दिल तो एक ही होता ,कहीं क्या देकर आये हो ??

बता केवल तूॅंही सकते ,क्या तुम करके आये हो ।

कहाॅ पर क्या किया तुमने,कहाॅ क्या गुल खिलाये हो??

नसीहत तुम न देते हो, नसीहत तुम न लेते हो ।

दिल में जो तेरा आता, बताये बिन ही करते हो ??

मुश्किल है पता करना, दिल में क्या बसाये हो ?

दीवाना सा बना केवल,चक्कर क्यों लगाते हो ??

उल्फत भी बला क्या है, तुम्हें शायद पता भी हो ?

प्रेम तो एक धागा है, न जल्दी तोड़ पाते हो ।।

शुक्रिया बोलता उनको, उसे जिसने बनायी हो ।

जैसा भी बनाई हो , अति सुन्दर बनाई हो ।।

बहुत मजबूत यह धागा ,भले कमजोर दिखता हो।

कठिन पर तोडना इसको ,भले यह जोभी दिखता हो।।

खुदा है शुक्रिया तेरा ,अगर सब तुम बनाते हो ।

करिश्मा जो बहुत करते, पर पावन ही करते हो ।।्

रहना खुश सदा सीखो, खुशियाॅ बाॅटना सीखो ।

खुदा भेजा तुझे देकर,बाॅटा क्यो‌ न करते हो ??

नहीं यह चीज तेरी है, दिया चाहे किसी ने हो ।

मकसद बाॅटने का हे , पूरा क्यों न करते हो ??