दर्द दिल का अपना , कैसे किसे सुनाऊं ?
बेचैनियों का आलम , दिल का किसे बताऊं??
छलनी हुआ सा जाता , कैसे किसे दिखाऊं ?
घायल है दिल बेचारा , कैसे कह सुनाऊं ??
उनकी कठोर बातें , चोट दिल को देती ।
बददुआ न दिल से , फिरभी निकाल पाऊं।।
कुछ बददुआयें उनकी , मेरे लिए निकलती ।
थोड़ी झलक भी उसमें, पर प्यार का भी पाऊं।।
बददुआ को उनकी ,दिल में बिठा न पाऊं ।
चाहे कहे वो कुछ भी , पर प्यार उनमें पाऊं।।
बन कर दवा ये कड़वी , मेरी दर्द दिल का हरती ।
बददुआ को उनकी , मैं कह भी कैसे पाऊं ।।
दर्द दिल का अपना , कैसे किसे सुनाऊं ……..
Bahut umda
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बहुत बहुत शुक्रिया!
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बहुत बहुत धन्यवाद!
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