बातें जान लेनी चाहिए

मिहनत ही बस काफी नहीं, मुकद्दर भी होना चाहिए।

सिर्फ सींचना काफी नहीं ,शबनम भी मिलनी चाहिए।।

गुलशन और गुलफाम की , हालात होती एक सी ही।

जिसके जिगर से प्यार छलके , उन्हें, ऐसा ही माली चाहिए।।

भ्रमर ,डोलते फिरते,सदा बहारों मे , मजे से गुनगुनाते हुए।मधुर रसपान मधु का स्वाद उन्हें, भरपूर मिलना चाहिए।।

कुमुदिनी कैद कर लेती कभी , ले आगोश में अपनी ।

मधुप ,मद-मत्त, मस्त रहते , उन्हें कुछ और क्या चाहिए।।

समर्पण , प्यार में होता , मधुप भरदम निभाता है इसे।

बात फँसनें -फँसाने की नहीं ,उन्मुक्त मनसे ,समझनी चाहिए।।

खुदा खुद देकर भेजा है , बहुत समझा बुझा सबको ।

बिना समझाये खुद समझे , समझ में साफ आनी चाहिए।।

बहुत है बात दुनियाँ में , जिसे समझानी नहीं पड़ती ।

स्वयं ही ज्ञात हो जाती सबों को , आनी समझ मे चाहिए।।

रचयिता ने रची दुनियाँ, बड़े तरतीब से जम कर।

किये एहसान जो हमपर हमें ,एहसानमंद रहना चाहिए।।

किये एहसान को कोई चुका दे, हो ही नहीं सकता ।

बड़े अनमोल होते ये , गाँठ को बाँध लेनी चाहिए।।