दिलों को तोड़ने वाले,तो दिल को तोड़ देते हैं।
महज ही चन्द लम्हों में , इसे अंजाम देते हैं ।।
बहुत हें लोग दुनियां में,यही जो काम करते हैं ।
दे कर दर्द बदले में , सुखद एहसास करते हैं।।
भला चाहे कहें उनको, बुरा कह आप सकते हैं।
दिल जो चाहता कहना , उसे ही आप कहते हैं।।
ईच्छायें अनेकों आपकी , दिल में उपजती है ।
अनवरत रात-दिन दिल में,यही पैदा ही होती है।।
मस्तिष्क समझता बूझता , बिचार कर लेता ।
अच्छा लगे तो बात को , अन्जाम दे देता ।।
हर दिल समझ लें, प्यार का भंडार होता है ।
जिस प्यार पर आरूढ़ , यह संसार होता है ।।
अनेकों विकृतियां पर आ, इसे बर्वाद करती है ।
घृणा पैदा कराने में , लगी दिन-रात रहती है ।।
भला-बुरा का द्वन्द्व भी, हरदम चला करता ।
जब जिसका विजय होता, वही प्रभाव में आता।।
विकृतियों का विजय जब, दिलपर हुआ करता ।
कूकर्म की मनोवृत्तियां , तब जन्म ले लेता ।।
बराई में ही तब मनुज,संलग्न हो जाता ।
मनुष्यता तो हार उससे, भाग ही जाता ।।
मानव फिर तो मानव रूप का,केवल है रह जाता ।
पशुओं से बदतर काम में, संलग्न हो जाता ।।
हर जीव से यह जीव मानव, श्रेष्ठ होता है ।
उनका कर्म भी हर जीव से ,यथेष्ठ होता है ।।