मिले गर हमसफर प्यारा , सफर आसान हो जाता ।
गमों की भी मिले दरिया , हँस कर पार हो जता ।।
रहे गर साथ मे हमदम , डगर काँटे भरा भी हो ।
काँटे ही नहीं केवल , पथें काँकड़ भरे भी हों ।।
हमारे कदम ठिठकेगें नहीं , बाधाओं के आगे ।
मुमकिन है कि हमको देख कर , बाधायें खुद भागे ।।
इरादा हो अटल- प्रबल , आनन पर झलक जाता ।
बाधायें देख कर इनको , किनारा स्वयं ले लेता ।।
किनारा ही नहीं केवल , मदद करने चले आते ।
मदद स्वीकार गर कर लें , बड़े ही धन्य हो जाते।।
यही दस्तूर दुनियाँ का , जो काफी पुराना है ।
जो सफल हो जाते , उन्हें सब धन्य माना है ।।
भरा सामर्थ्य हो जिनमें , लोग सब पूजते उनको ।
जो वे कहा करते , लोग सब मानते उसको ।।
असक जो लोग कुछ कहते , कहाँ कब मानते उनको ।
बात गंभीर भी करते , न सुनना चाहते उनको ।।
उनकी बात को आराम से ,प्रलाप कह देते ।
न देते ध्यान ही उसपर , उसे बकवास कह देते।।
चाहे लाख ज्ञानों से भरी हो , बात सब उनकी ।
उन्हें तरजीह क्यों देगें , सुनेंगे ही नहीं उनकी ।।
लेते लाख बाधा झेल , संग गर हमसफर होता।
गमों की भी मिले दरिया ,तो हँस कर पार हो जाता ।।