दर्द अपनों का दिया , होता अधिक दुखदायी है।
दिल को सहन होता नहीं, इस दर्द में गहराई है।।
उम्मीद अपनों से अधिक, बाँध रखते हैं सभी ।
टूटती उम्मीद जब भी , आहत बहुत होते तभी।।
प्यार जो ज्यादा किये , पीड़ा उन्हीं से पायी है।
उनकी चोट की तो बात छोड़ें , बातें कडी़ दुखदायी है।।
दिल भी अजीब चीज होती , अजीब उनकी बात है।
लेती ही पैदा रात-दिन , उनमें अनेकों बात है ।।
इच्छायें पैदा नित्य करना , ही तो दिल का काम है।
निष्पादन करें कैसे इसे ,मस्तिष्क तेरा ये काम है ।।
ये दिल बडा नाजुक है होता , नाजुक ही रहनें दीजिये ।
भवगन्दगी को डाल इसमें , हरगिज न गंदा कीजिए ।।
ये दिल बनाया है जिन्होंने , हम शुक्रिया उनका करें ।
पावन बनाया है उन्होंने, अपावन उन्हें हम क्यों करें ।।
इच्छाओं को बस में करे , धन्य है मानव वही ।
सामान्य जन से बहुत ऊपर , महामानव है वही ।।
इस लोक की तो बात छोड़ें, परलोक भी सम्मान करता।
युग-युगों तक लोग उनका ,मस्तक झुकाये नमन करता ।।
भेद अपनें और परायों , का वे रखते हैं नहीं ।
समभाव में रहते सदा , सुख-दुख से ऊपरहैं वही।।
परलोक कहते हैं जिसे , शायद वही यह लोक है।
समभाव ही सबलोग में , रहता वही यह लोक है ।।