दिल में आयी बातों को ,कभी जो कह सुना देते ।
छन्द में बाँधकर इनको , बडे़ रोचक बना देते ।।
शब्दों का चयन करके, उन्हें लय में पिरो देते ।
बडे़ तरतीब से उनको, गीतों में सजा देते ।।
दिल से बात जो उठती ,दिलों को छू वही लेती ।
श्रोता को बडे़ अन्दाज से , अपना बना लेती ।।
बहाते वे चले जाते , उन्हें प्रभाव में अपना ।
उनके मर्म छू लेते , बडे़ तरकीब से अपना ।।
जो कहना चाहते जिनसे, उनको कह सुना देते ।
निराले ढ़ंग से अपना , उन्हें अपना बना लेते ।।
मीठी बात की अपनी , जादूसा चला देता ।
सुनने की ललक श्रोताओं में, पैदा करा देते ।।
अपनी कला में वे , बडे माहिर हुआ करते ।
अपनी दूरदृष्टि से भला ,सब लोग का करते।।
कहते जान मुर्दों में ,कला से फूँक हैं देते ।
कायरों में बीरता का , रंग भर देते ।।
डर कर जो पडे होते ,उन्हें फिर जोश आ जाता।
नयी फिर चेतना जगती , नया उत्साह आ जाता ।।
बिगुल बजना शुरु होता, भुजायें फरक है उठती ।
रण-बाँकुरों का जोश , रग में भडक है उठती ।।
कभी हारी हुई बाजी , फिर से है पलट जाती।
हो कर जीत में तब्दील ,गले की हार बन जाती ।।
कवियों की करिश्मा ये,नहीं पहले हुई है क्या ?
चंदबरदाई ने चौहान को ,ऐसा किया न क्या ??
कभी भूचाल ला सकते ,सोयों को जगा सकते ।
रहे हो डूबते मजधार में , उनको बचा लेते ।।
रहिमन थे बडे़ योद्घा ,नहीं नितिवान कवि थे क्या?
योद्धा-कवि के रूप में ,विख्यात नहीं थे क्या ??
अकबर के बडे़ दरवार में , नवरत्न थे रहिमन ।
साथ ही थे बडे़ योद्धा ,कवि,नितिकार थे रहिमन।।
कवि थे एक विहारी लाल,उसने कम किया था क्या।
भटकते राह से नृप को ,नहीं उसने बचाया क्या ??
अलावे और कवियों नें ,बहुत कुछ कर दिखाया है ।
बढ़ कर पथ-प्रदर्शक बन ,समाज को पथ दिखाया है।।
युग निर्माण कर सकता ,समाज का आईना होता ।
समाज की रीतियाँ ,कुरीतियां ,सब को दिखा देता।।