आयें थोडा़ हम अपना, एक राज्य भ्रमण कर आयें।
भारत का छोटा राज्य एक, दर्शन इसका करवायें ।।
असम राज्य का टुकड़ा एक, मेघालय राज्य बना है।
पर्वत खासी, गारो, जैंतिया, हरियाली बड़ा घना है।।
आच्छादित मेघों से रहता , मेघालय कहलाया ।
गुण के ही अनुरूप राज्य का , सुन्दर नाम धराया।।
सुन्दरता की बात न पूछें, स्वर्ग इसे कह सकते ।
लिये गोद में इसे हिमालय, मन देख इसे ना थकते।।
नयनाभिराम हर ओर दृश्य , मनमोहक है, प्यारा ।
ऊँची- नीची घाटियाँ, लगते कितने न्यारा ।।
राजधानी शिलाँग बनी , है शहर लघु, पर सुन्दर ।
स्वच्छता हर ओर यहाँ, गन्दगी न दिखे कहीं पर।।
हर मौसम में बदरी आ , करते रहते अठखेली ।
खेल रहे हों लुकाछिपी, मानों बच्चों की टोली।।
सड़कें लगती, सागर मेंं , उठती हो जैसे भाटा ।
गाड़ी आती दिखती जैसे, कश्ती कोई तैरता आता।।
छोटे -छोटे घर के उपर , छत चदरे की होती ।
हरे- लाल रंगो से रंगी , अति सुन्दर है दिखती ।।
लोग-लुगाई सभी यहाँ के , सौम्य नजर हैं आते ।
मूल निवासी लोग यहाँं के, खासी हैं कहलाते।।
छोटी बेटी, परिवार की , मालकीन होती है ।
उस लाडो की आज्ञा घर में , शिरोधार्य होती है।।
शहर बड़ा तो नहीं बहुत, पर है यह बहुत पुराना।
लगा यहाँं रहता है हरदम , पर्यटकों का आना-जाना।।
जग में सबसे ज्यादा वर्षा, मौसिनराम में होता है।
पास ही स्थित चेरापूंजी, सौंदर्य से भरा पड़ा है।।
वाटर फॉल हैं, ऊँचे-ऊँचे, घाटियां दूर तक, गहरी हैं।
मनमोहक, नयनाभिराम, हर ओर ही दृश्य सुनहरी है।।
डावकी की भी सुंदरता, ऊमगोट नदी यहीं है।
सीधे-गहरे चट्टान मध्य, मनभावन झील बनी है।।
पास में स्थित, मौलिनोंग है, सुंदर सबसे ग्राम।
दुनिया भर के पर्यटकों, को देता सुकून-आराम।।
लिविंग रुट से बना एक पुल, पास ही यहीं अवस्थित है।
स्थानिक मौलिक ज्ञान की, बानगी अद्भुत दिखती है।।
देश है अपना, बड़ा अनोखा, सुंदर एक लड़ी है।
अद्भुत प्यारा मेघालय, सबसे उत्कृष्ट कड़ी है।।