जो बातें बीत जाती है , अतीत में गुम न हो जाती ।
बातें लौट कर अक्सर ,दिलों को छू चली जाती ।।
मैं तो चाहता दिल से , निकल फिर दिल में न आये।
दर्द जो कम रहा था , लौट कर वापस न फिर आये।।
थका जो सो रहा था , नींद उसकी खुल नहीं जाये ।
चैन जो मिल रहा थोड़ा, वहीं से लौट न जाये ।।
जमाना है बडा़ जालिम , उनको दर्द नहीं होता ।
कुरेद कर दर्द देनें में , मजा उनको बडा़ आता ।।
हृदय से निर्दयी होता , दिल पाषाण का होता ।
कराहें आप की सुनकर, उन्हें सकून ही मिलता ।।
भरे हैं लोग दुनियां मे , कमी उनकी नहीं रहती ।
पीड़ा से कराहे गर , उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ती।।
पुरानी याद आ कर आप को तो ,दिल दुखा सकती ।
आप की छीन सकती चैन , नहीं कुछ लाभ दे सकती।।
पीड़ा जब उठा करती , दिल बेचैन हो जाती ।
यादें भी अकेली आ , उधम ये कम नहीं करती ।।
जो बातें बीत जाती है , सबक उनसे मिले ले लें ।
आगे रास्ता अपना , तय खुद सोंच कर कर लें ।।
सही जब राह मिल जाये , तभी गण्तब्य मिल पाता ।
मकसद जिन्दगी का पूर्ण भी ,उससे न हो पाता ।।
भले ही देर हो जाये , पहुँचना तो पहुँचना है ।
गणतब्य हासिल बिन किये ,बिलकुल न रुकना है।।
ऐसे युग पुरुष होते , कभी आते वे धरती पर ।
दुखों से त्राण दिलवाने , कभी आते ही धरती पर।।