आजादी के दीवानो मैं, करता नमन शत् शत् तेरा।
तू जो दे कर गये चले,एहसान हम पर है तेरा ।।
नहीं है सकता भूल कभी,कुर्बानियों को देश तेरा।
माँ की मिट्टी के कण-कण पर,एहसान लिखा जो तेरा।।
दिल मेंं भरा हर भारती के, कूट कर अरमान तेरा ।
हम अडिग हैं,हम कभी, झुकने न देगें शान तेरा।।
तेरी दी गई कुर्बानियाँ, हम भूल सकते हैं नहीं ।
माँ तिरंगे का तेरा, अपमान सह सकते नहीं ।।
नजरें उठा कर देख तो, कितनें ख़ड़े तेरे ल़ाल हैं ।
तेरी आबरू रक्षण की खातिर, तैयार ये तत्काल हैं ।।
चिन्ता न कर तू, ऐ तिरंगा ,जब तक तेरा ये लाल है।
तेरा बाल बाँका सोचता ,उस भावना को काल है ।।
गर जरूरत पड़ गयी,सब कुछ फिदा तुझ पर मेरा ।
इस मुल्क की हर चीज तेरी,है फिदा तुझ पर तेरा ।।
जिन्दगी क्या चीज है, मैं हर्ष से तुझ पर लुटा दूँँ।
लुटाई पहले ज़िन्दगियाँ,गर हो जरूरत फिर लुटा दूँ।।
गम न करना, ऐ तिरंगा,लहरा खुशी से आसमाँ में ।
तुझे देखती है कितनी आँखें,गर्दन उठाकर आसमाँ में।।
शत् -शत नमन मेरा तुझे, है मेरा तूँ जाँ तिरंगा।
कुर्बान है सब चीज सारी,तुम ही मेरा अरमाँ तिरंगा।।
शहीद जो हो कर गये, आजाद हमको कर गये ।
संभाल कर रखे, बढ़े, श्रद्धांंजली उनको दिये ।।
यूँ चूक है सकती नहीं,सारी तेरी कुर्बानियाँ।
दो पुष्प गर स्वीकार कर,होगी बड़ी मेहरबानियाँ ।।