हमसे मुँह फेरकर तो नहीं जाइये,खता गरहुई,क्षमा कीजिये।
हुई क्या खता,ये पता ही नहीं, हो सकेतो,ईशारा ही कर दीजिये।।
तेरी सारी अदायें है प्यारी मुझे,वाकिफ नहीं हो तो सुन
लीजिए।
मरने मिटनें की खातिर हूँ तत्तपर सदा,नहीं हो यकीं आजमा लीजिए।।
दिल हवाले तो पहले ही कर ही दिया,जान भीजो है
वो है अमानत तेरी।
माँगकर देखिये गर जरूरत पड़े,पल लगेगी न देरी यकीं कीजिए।।
सिवा इसके आगे न है कुछ मुझे,बची ही नहीं देने के
लिये।
बची रह गयी हो अगर भूल से कुछ,अपनी ही उसको समझ लीजिए।।
माँफ गर कर दिया,मेरी हर भूल को,हाजिर हूँ मैं शुक्रिया के लिये।
अदा कररहा फिर तुझे शुक्रिया, विहंस एक मुस्कान भर दीजिए।
तेरी मुस्कान जीवन का संबल मेरा,आसां न इसको समझ लीजिए।
साथ जायेगी मेरी ये अंतिम घडी तक,यहीं अलविदा कह दीजिए।।
हमसे मुँह फेर कर तो नही जाईए,……..