किया समय का जो पहचान

जीवन मेंं अपनें जिन्होंने, किया समय का हो पहचान।
सफल किया जीवन को अपना ,किया औरों का भी कल्याण।।

नहीं ध्यान जो रक्खा इनका, किया सदा उनका अपमान ।
समझ न पाया कीमत उनकी, समझा हीरा शीशा समान ।।

गुण-अवगुण का आभास न जिनको ,नहीं कर पाते हैं पहचान।
सब धन साढ़े बाइस पसेरी, करते ऐसा जैसे नादान ।।

जो कुशल जौहरी होते इनके, क्षण-क्षण का कर लेते उपयोग ।
जीवन में बढते वे आगे , हरलोगों का पाते सहयोग ।।

युग -पुरूष वही हैं कहलाते , खुद बढ़ते और बढा़ते हैं ।
सम्मान सबों को करते हैं , सम्मान सबों से पाते हैं।।

ये समय बडा़ है बलशाली, क्या से क्या किसे बना देता ।
राजा को रंक ,रंकों को राजा ,जब मर्जी उसे बना देता ।।

समय का जो करते पहचान ,ज्ञान भविष्य का कर लेते ।
क्या होना है आगे चल कर, भान भी इसका कर लेते ।।

ये बडे़ दूरद्रष्टा होते , आभाष दूर का कर लेते ।
वर्तमान को देख समझ कर , वाणीँ भविष्य का करदेते।।

जिसे दिखता हो बहुत दूर, रखते भविष्य का पूर्ण ज्ञान ।
वह दूरदृष्टि -मानव कर सकता ,हर लोगों का ही कल्याण।।

युगपुरुष कार्य यही करते , युग को ही राह दिखा देते ।
किन.राहों से चलना उत्तम , चल कर खुद राह बता देते ।।

समय को ब्यर्थ न जाने दें , जो गया नहीं वापस आता ।
सत्कर्मो में इसे लगा दें , जीवन सफल यहीं होता ।।

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