संजोये तुम बडे़ इतिहास,अपने संग रखे हो ।
पाटलीपुत्र अनेकों रंग, अपनें संग रखे हो ।।
सजा अट्टालिका गौरव की, अपनी शान रखे हो।
सुनहरे रंग से लिखा , हुआ गान रखे ह़ो ।।
पतन-उत्थान की गाथा ,अनेकों बाध रखे हो ।
जगत गुरू का ,जमाने से लिये,सम्मान रखे हो।।
गुरुओं ने लिया था जन्म, पुण्य स्थान रखे हो ।
दे कर जान भी ,उनकी बचाये शान रखे हो ।।
अशोक सा सम्राट का, जन्मस्थान रखे हो ।
सम्पूर्ण भारत का बना , सम्राट रखे हो ।।
खगोलशास्त्री आर्यभट्ट का, कर्मस्थान रखे हो ।
चाण्क्य नीतिवान का , हर ज्ञान रखे हो ।।
कर कुर्वानियाँ अपनी , देश आजाद रखे हो ।
अजीमाबाद तेरा है नमन ,बचाये शान रखे हो।।