न कर में तीर है तेरी ,कमर में भी नहीं खंजर।
दिल को पर है तड़पाती ,चुभोये बिन कोई नश्तर।।
जिगर में बैठ गयी घुस कर,जगह ऐसी बनाई पर।
दफन अब साथ ही होगी,मरूँगा दिल में ही रख कर।।
न कर में तीर है तेरी ,कमर में भी नहीं खंजर।
दिल को पर है तड़पाती ,चुभोये बिन कोई नश्तर।।
जिगर में बैठ गयी घुस कर,जगह ऐसी बनाई पर।
दफन अब साथ ही होगी,मरूँगा दिल में ही रख कर।।