कह कर जताते हैं नहीं…… (गजल)

प्यार जो करते कभी ,कह कर जताते हैं नहीं ।
रखते बसा के दिल में ही ,बाहर कभी लाते नहीं।।

रखते उसे महफूज भी , हर बला से ही सदा ।
नजरें बुरी भी ना लगे , पर्दा को हटाते नहीं ।।

घुट-घुट के ही रहता सदा ,शोला धधकता दिल में है।
रखे हुए हैं दाब कर , बाहर धुँआ आता नहीं ।।

हद न जाये पार कर , तोड़ दे दीवार को ।
पर दिल भरा हो प्यार से , प्यार तो मरता नहीं ।।

झेल तो लूँगा बलायें , सामने जो आयेगी ।
प्यार तो महफूज है , मैं कभी डरता नहीं ।।

बन गयी सबब यही , अब तो मेरी जिन्दगी की ।
आदत सी हो गयी मुझे , दिल में उसे धरता नहीं ।।

दफन भी हो जाऊँ अगर , तो साथ ही वह जायेगा ।
रूह तो मरता नहीं , प्यार भी मरता नहीं ।।

प्यार जो करते कभी ,कह कर जताते हैं नहीं…………………

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