मुक्तक

सुरा को माप लेते, पेग के पैमाने से.

निकलते मस्त होकर, झूमते मयखाने से.

मस्ती कम न मिलती, सुन किसी तराने से.

किसी के प्यार में, कोई गीत गुनगुनाने से..