बिहार हमारा

हम बिहारी, बिहार है हमारा।

जान से भी है ज्यादा, ये प्यारा॥

गौर से देखिये, इसके इतिहास को।

हम क्या थे, थे कैसे, इस बात को॥

जगत को सिखाते, बाँटते ज्ञान को।

पैदा किया, बुद्ध भगवान को॥

जैन, महावीर, गुरु गोविंद संतान हैं।

आर्यभट्ट, अशोक क्या अंजान हैं॥

स्वतन्त्रता के सेनानी, भी पैदा किया।

राष्ट्रपति भी प्रथम, हमने ही दिया॥

गणतन्त्र का सबक, जग को हमने दिया।

देश अनेकों ने इसको, अपना लिया॥

नीति चाणक्य की, जग में विख्यात है।

मौर्य चन्द्रगुप्त भी कम, क्या ख्यात है॥

हममें क्या कुछ न था, सब कुछ ही तो था।

समय का असर, पर पड़ना ही था॥

हम पिछड़ने लगे, और पिछड़ते ही गए।

पिछड़ते-पिछड़ते, पिछड़ सबसे गए॥

लोग खिल्ली उड़ाने, मेरा लग गए।

हम थे हीरो कभी, जीरो बन गए॥

राज्यों में बिहार, सबसे पीछे हुआ।

सारी कीर्ति व रौनक भी धूमिल हुआ॥

हाल पूरी तरह जब बिगड़ जाता है।

सच है, कोई एक त्राता उभर आता है॥

है एक त्राता मिला, ऐसा बिहार को।

यत्न-मेहनत किए, मेरे उद्धार को॥

ऐसा लगता पुनः, दिन बहुरने लगा।

जो पिछड़ा था, आगे फिर बढ्ने लगा॥

होगा हासिल, जो खोया था सम्मान, फिर।

राष्ट्र गौरव बने, मेरा बिहार, फिर॥

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