दुनिया का कैसा है, हाल देख लो।
यहाँ होता है कैसा, कमाल देख लो॥
अब किसी पर भरोसा, न रहा किसी का।
बात सारी दुनिया की, न खास किसी का॥
मित्रता को कलंकित, किया कुछ ने ऐसा।
सादे वसन पर, लगा दाग जैसा॥
वसन पर जो लगे दाग, धुल भी वो जाये।
गर, दोस्ती पर लगे दाग, धुल कैसे पाये॥
बहुत कम हैं ऐसे, जो दोस्ती निभाते हैं।
बुरे वक़्त भी उनके, काम बहुत आते हैं॥
जरूरत पड़े, गर तो, दे सकते प्राण हैं।
दोस्ती पर खुद को, कर सकते कुर्बान हैं॥
कर गुजरने को, ये हैं, बेहाल देख लो।
यहाँ होता है कैसा, कमाल देख लो॥
लोग ऐसे अधिक, जो नहीं मानते हैं।
दोस्ती क्या है होती, नहीं जानते हैं॥
इनकी नज़रों में होती, है दौलत बस प्यारी।
तौलते हैं, दौलत से, दुनिया ये सारी॥
लोग करते नहीं आज, वैसों से यारी।
जिनको दौलत से भी ज्यादा, इज्जत हो प्यारी॥
तौलते हैं लोग आज, दौलत से इज्जत।
पर, क्या मिल सके है, बाज़ारों में इज्जत॥
यहाँ दौलत का होता, धमाल देख लो।
यहाँ होता है कैसा, कमाल देख लो॥
सुना तुमने होगा, कन्हैया की यारी।
सुदामा और कान्हा की, दोस्ती थी न्यारी॥
दिलोजान से प्यार, करते थे दोनों।
पूरी श्रद्धा व दोस्ती, निभाते थे दोनों॥
कहाँ छोटा-बड़ा कोई, दोस्ती में होता।
दोस्ती में क्या राजा, क्या प्रजा कोई होता॥
बस मिलन दो दिलों का, बेमलाल, देख लो।
यहाँ होता है कैसा, कमाल देख लो॥