याद करती हुयी तुम को, मर जाऊँगी।
लौट आना सनम, तो मैं तर जाऊँगी॥
लौट आओगे जल्दी, था वादा किया।
खत लिखोगे तुम हर दिन, वचन था दिया॥
तेरी तस्वीर से, बात होगी मेरी।
तुम ख़यालों की मलिका, रहोगी मेरी॥
मेरे मन में कभी, न रहेगी कोई।
भूल से भी न, दिल में बसेगी कोई॥
जो भरोसा दिया था, निभा पाये क्या।
मेरी कसमों की लज्जा, बचा पाये क्या॥
जो कहोगे, सुनूंगी, मैं विश्वास से।
है नहीं कोई शिकवा, तेरे प्यार से॥
क्या करूँ सौत का, डर तो लगता ही है।
मर्द जाति से दिल, अक्सर डरता ही है॥
ये न करना कभी, वरना मर जाऊँगी।
लौट आना सनम, तो मैं तर जाऊँगी॥
नहीं चाहत, मिले तुमसे, दौलत मुझे।
बस जगह चाहिए, तेरे दिल में मुझे॥
साथ में, सूखी रोटी भी, खा लेंगे हम।
टाट की भी हो बिस्तर, बिछा लेंगे हम॥
तेरी बाहों को तकिया, बना लेंगे हम।
झोपड़ी में भी जन्नत, बसा लेंगे हम॥
दुख ये कुछ भी नहीं, सब सह जाऊँगी।
लौट आना सनम, तो मैं तर जाऊँगी॥