ज़ख्म-ए-दिल को दिखाऊँ
तो दिखाऊँ कैसे I
तड़प रहा हूँ, तड़प
बताऊँ, तो बताऊँ कैसे II
फट रहा दिल है, सहन
करूँ तो करूँ कैसे I
बयाँ जुबाँ से करूँ गर
तो करूँ कैसे II
बहुत हैं लोग कम
दुनिया में समझने वाले I
भला ये दर्द उन्हें
बताऊँ, तो बताऊँ कैसे II बयाँ जुबाँ से करूँ गर, तो करूँ कैसे II
धधक रहा है, दर्द ये
शोला सा सीने में I
बुझा न पा हूँ रहा
बुझाऊँ, तो बुझाऊँ कैसे II बयाँ जुबाँ से करूँ गर, तो करूँ कैसे II
जो मेरे साथ थे
मुँह मोड़ के गए ऐसे I
साथ नया, उनसे भला
बताऊँ, तो बताऊँ कैसे II बयाँ जुबाँ से करूँ गर, तो करूँ कैसे II
बहुत विवश हूँ, दुनिया में
ए दुनिया वालों I
तोड़ना चाहूँ बेबसी
तोड़ूँ, तो तोड़ूँ कैसे II बयाँ जुबाँ से करूँ गर, तो करूँ कैसे II
बेरहम दुनिया से , सब छोड़
चल दूँ तो अच्छा I
छोड़ना चाहता पर, सबको
छोड़ूँ, तो छोड़ूँ कैसे II बयाँ जुबाँ से करूँ गर, तो करूँ कैसे II
छोड़ना भी न हो जाये,
कहीं बुजदिली मेरी I
इल्ज़ामें बुजदिली से, भला
बचूँ, तो बचूँ कैसे II बयाँ जुबाँ से करूँ गर, तो करूँ कैसे II
बड़ी परेशानियाँ आयीं जो
साथ – साथ मिलकर I
बता दे तू ही, भला
निपटूँ, तो निपटूँ कैसे II बयाँ जुबाँ से करूँ गर, तो करूँ कैसे II
भंवर के जाल में मैं
फँस चुका, है हाल बुरा I
इस भंवर जाल से
निकलूँ, तो निकलूँ कैसे II बयाँ जुबाँ से करूँ गर, तो करूँ कैसे II