1. विश्वास मत करना, खुदगर्ज है दुनिया ,
मजे में जब रहोगे, तुम्हारे साथ है दुनिया I
खुदा गर बेसलामत, कभी कर दे ,
न खोजे भी मिलेंगे, जो तुम्हारे साथ है दुनिया II
2. रहमों करम पर क्यों किसी के, जीना चाहते हो,
खुदा ने रचा सबको, ये तुम सब जानते हो I
दो-दो भुजायें दे, जो खुदा ने भेजा है तुम्हें,
गैरों के आगे क्यों, उसे पसारते हो II
3. तुम तो सदा खुद को, शेर समझते हो,
देख दूसरों को सदा, दहाड़ करते हो I
तुझे लगता है, शेर – सा दहाड़ रहे हो,
मगर जाने क्यों, भौंकने की आवाज़ करते हो II
4. दर्दे दिल अपनी, सुनाऊँ तो किसे,
जो खुद बेबस है, रो रहा है, उसे I
मेरी दर्द को, भला वो समझेगा क्या ,
वो खुद बेचैन है , क्या बताऊँ उसे II
5. तमाशाई बन कर क्यों, सदा तुम देखते हो ,
सितमगर के सितम, चुपचाप बैठे हेरते हो I
कराते हो सदा तुम , चाहता जो दिल तुम्हारा ,
तो ठीकरा क्यों सदा तुम, दूसरो पर फोड़ते हो II
6. खुद जुल्म करते हो, मुझे इल्जाम देते हो,
किये करतूत को अपनी, हमीं पर दाल देते हो I
सता लो दम भर, जितना दिल चाहे तेरा ,
करते कारगुजारी खुद, मुझे बदनाम करते हो II