गांधी बाबा ऋण अभी तक, नहीं चुका क्या तेरा ?
स्मारक कितने बनवाए
सीमेंट-पत्थर बहुत लगाए
चौराहे पर खड़ा कराए
आदम कद मूरत तेरा I
गांधी बाबा ऋण अभी तक, नहीं चुका क्या तेरा ?
राजघाट का देखो हाल
कीमती जमीन दे किया निहाल
समाधि भी बनवा दी, साथ में
दान बॉक्स भी तेरा I
गांधी बाबा ऋण अभी तक, नहीं चुका क्या तेरा ?
कितने सालों से वहाँ खड़े हो
सर्दी-गर्मी सब झेल रहे हो
रात-दिन बारिश-पानी में
लेता भी कोई सुध तेरा ?
गांधी बाबा ऋण अभी तक, नहीं चुका क्या तेरा ?
एक नहीं कितने जगहों पर,
सड़कों के कई चौराहों पर
गंदे नालों के इर्द-गिर्द
मिल जाएगा मूरत तेरा I
गांधी बाबा ऋण अभी तक, नहीं चुका क्या तेरा ?
चरखा भी तुमने चलवाया
स्वदेशी पर जोर लगाया
हथकरघा-तकली लुप्त हुए
कहाँ गया ये सब तेरा?
गांधी बाबा ऋण अभी तक, नहीं चुका क्या तेरा ?
सात दशक तुम पूर्व चले गए
गए नहीं खुद, भेज दिए गए
जो भेजा कोई और नहीं था
अपना ही था तेरा I
गांधी बाबा ऋण अभी तक, नहीं चुका क्या तेरा ?
बापू तो तुम बने हुए हो
बदनामी कम नहीं लिए हो
पाक बना, सिर दर्द किया
की भी बदनामी तेरा I
गांधी बाबा ऋण अभी तक, नहीं चुका क्या तेरा ?
इस दुनिया का कथन पुराना
भले काम को गलत बताना
होता आया युगों-युगों से
हश्र हुआ जो तेरा I
गांधी बाबा ऋण अभी तक, नहीं चुका क्या तेरा ?